籌款 9月15日 2024 – 10月1日 2024 關於籌款

Bharat Ka Sangharsh: 1920-42 (Hindi Translation of The...

Bharat Ka Sangharsh: 1920-42 (Hindi Translation of The Indian Struggle) (Hindi Edition)

Bose, Subhas Chandra
0 / 5.0
0 comments
你有多喜歡這本書?
文件的質量如何?
下載本書進行質量評估
下載文件的質量如何?
"1857 की क्रांति के बाद गोरों को समझ आ गया कि वे केवल बर्बर बल प्रयोग के आधार पर लंबे समय तक भारत में नहीं टिक पाएँगे, इसलिए उन्होंने देश को निहत्था करना शुरू कर दिया। हमारे पूर्वजों की दूसरी सबसे बड़ी मूर्खता और गलती यह रही कि उन्होंने अंग्रेजों की इस करतूत को सिर झुकाकर स्वीकार कर लिया। अगर उन्होंने अपने हथियार इतनी आसानी से नहीं सौंपे होते तो 1857 के बाद से भारत का इतिहास संभवत: आज के इतिहास से भिन्न होता।

भारत में युवा पीढ़ी पिछले 20 सालों के अनुभव से यह सीख चुकी है कि सविनय अवज्ञा आंदोलन एक विदेशी प्रशासन को बंधक बना सकता है या पंगु तो कर सकता है, लेकिन बिना भौतिक बल के यह उसे उखाड़कर नहीं फेंक सकता या निष्कासित नहीं कर सकता। एक अंतिम चरण आएगा, जब सक्रिय प्रतिरोध सशस्त्र क्रांति में विकसित हो जाएगा, तब भारत में ब्रिटिश शासन का अंत होगा।

—इसी पुस्तक से

यह पुस्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख राजनीतिक अध्ययन है, जिसमें उनकी स्वयं अपनी एक प्रमुख भूमिका थी। यह पुस्तक असहयोग और खिलाफत आंदोलनों के घुमड़ते बादलों से लेकर तूफान का रूप लेनेवाले 'भारत छोड़ो' तथा आजाद हिंद आंदोलनों तक का विशद और विश्लेषणात्मक विमर्श उपलब्ध कराती है।

नेताजी की दूरदर्शिता, चिंतन और राष्ट्रीय भाव को रेखांकित करती एक पठनीय कृति।

"
出版商:
Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
語言:
hindi
文件:
EPUB, 1.80 MB
IPFS:
CID , CID Blake2b
hindi0
線上閱讀
轉換進行中
轉換為 失敗

最常見的術語